गुरुग्राम में शहरी निकायों का राष्ट्रीय सम्मेलन:ओम बिड़ला बोले- भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी, बडे़ शहरों का डवलपमेंट मॉडल जानेंगे डेलिगेट्स
गुरुग्राम के मानेसर में शहरी स्थानीय निकायों के राष्ट्रीय सम्मेलन लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने उद्घाटन किया। मानेसर स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) में आयोजित इस सम्मेलन में देशभर के 500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। जिनमें इंदौर, सूरत, विशाखापट्नम, मुरादाबाद, भोपाल और जयपुर समेत लगभग सभी बड़े शहरों के मेयर और प्रतिनिधि पहुंचे हैं।
इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि स्थानीय स्वशासन लोकतंत्र का मजबूत आधार है, इसके प्रतिनिधियों से जनता का सीधा संवाद होता है। जिससे आमजन लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्यक्ष भागीदार बनता है। लोकतंत्र की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि इसमें जमीनी स्तर पर लोगों की कठिनाइयों और जरूरतों को समझते हुए नीतियां बनाने का अवसर मिलता है और जब नीतियां जनभागीदारी से बनती हैं, तभी उनका लाभ व्यापक रूप से मिल पाता है।
भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी
ओम बिड़ला ने कहा कि भारत “मदर ऑफ डेमोक्रेसी” है। यहां ग्राम सभाओं, समितियों और जनचर्चा की समृद्ध परंपरा रही है। इन सभाओं में संवाद के माध्यम से जो निर्णय लिए जाते थे, उन्हें समाज ने हमेशा स्वीकारा। यही हमारी लोकतांत्रिक कार्यशैली की जड़ें हैं, जो हमें सदियों से मिली हैं।
आज आवश्यकता है कि नगर निकायों की बैठकें हमारी समृद्ध लोकतांत्रिक परम्परा को आगे बढ़ाएं। नगर निकायों की बैठकों का संचालन मर्यादित और नियमबद्ध हो, नियमित हो। उनमें प्रश्नकाल और शून्यकाल का प्रावधान हो, ताकि जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के मुद्दे उठा सकें। कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके, पारदर्शिता लाई जा सके और प्रशासनिक कार्यों की प्रभावी निगरानी हो।
ओम बिड़ला ने कहा कि मैंने देखा है कि कई नगर पालिकाओं, परिषदों और निगमों में साल भर तक बैठकें नहीं होतीं। कभी-कभी केवल बजट बैठक होती है, वो भी मात्र आधे घंटे में हंगामे के साथ स्थगित हो जाती है। यह लोकतंत्र की स्वस्थ परंपरा नहीं है। बैठकें दिनभर चलें, हर प्रस्ताव और योजना पर गंभीर विचार हो।
एजेंडा पहले से तैयार हो और अगली बैठक में उसकी कार्यवाही की समीक्षा हो कि उसके क्या परिणाम निकले। बजट पर भी व्यापक चर्चा हो, ताकि जनता के हित में योजनाएं बनें और उनका प्रभाव धरातल पर दिखे। लोकतंत्र तभी सशक्त होगा जब संवाद, भागीदारी और जवाबदेही की परम्परा हर स्तर पर कायम रहेगी।
इस सम्मेलन के पहले दिन 7 नगर निगमों के मेयर और कमिश्नर अपने-अपने शहरों के विकास मॉडल और सर्वश्रेष्ठ कार्यों की प्रस्तुति दे रहे हैं। इन मॉडल्स का उपयोग देश के अन्य शहरों में भी किया जा सकेगा।
ई गवर्नेस और एआई तकनीक से पारदर्शी काम कर रही सरकार: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि यह हरियाणा के लिए बड़े ही गर्व और गौरव का विषय है कि आज गुरु द्रोणाचार्य की पावन धरा, गुरुग्राम में ‘शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन’ का भव्य आयोजन किया गया।
मैं हरियाणा के अपने 2.80 करोड़ परिवारजनों की ओर से भगवान श्रीकृष्ण की पावन भूमि पर पधारे सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन करता हूं। यह आयोजन शहरीकरण के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय शहरी निकायों के कामकाज और दायित्वों की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध होगा।
यह सम्मेलन भारत को विकसित भारत की दिशा में ले जाने का काम करेगा- सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह सम्मेलन भारत को विकसित भारत की दिशा में ले जाने का काम करेगा। इस सम्मेलन का विषय लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने और पीएम नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 को साकार करने की राह दिखाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा की तरह स्थानीय निकास का सेशन बुला कर लोकसभा के स्पीकर ओम प्रकाश बिड़ला ने मुद्दों पर चर्चा करने का मौका दिया है। नगरों के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास की बात करें तो यह भी नागरिकों के विकास के जुड़ा पहलू है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा का यह नगर शहरी विकास का मॉडल है। हरियाणा के विकास के लिए राज्य सरकार दिन रात काम कर रही है। देश के 100 नगरों को स्मार्ट सिटी बनाने का प्रधानमंत्री ने विजन रखा है, उसी दिशा में काम किया जा रहा है। फरीदाबाद, करनाल में इसी तर्ज पर विकास हो रहा है। हरियाणा में 4 मेट्रोपोलिटन सिटी के विकास के लिए प्राधिकरण बनाया है।
निकाय को सशक्त बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार काम कर रही है, इसलिए ई गवर्नेंस , डिजिटल पोर्टल, AI आधारित तकनीक अपना रहे है, ताकि पारदर्शी तरीके से जनता को सुविधाएं मिल चुके। प्रॉपर्टी आईडी, परिवार पहचान पत्र भी इसी प्रकार का उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना को हरियाणा में पूरी तरह लागू किया गया है।
संवाद और सहयोग को मिलेगी नई दिशा
हरियाणा विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने कहा कि यह सम्मेलन देशभर की विधायी संस्थाओं, नगर निकायों और प्रशासनिक इकाइयों के बीच संवाद, समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देगा। हमारा उद्देश्य नीतियों पर चर्चा के साथ-साथ लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक ले जाना और जन-भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस सम्मेलन में शहरी विकास की रूपरेखा पर व्यापक चर्चा की जा रही है, जिसमें 500 से अधिक डेलीगेट्स भाग लेने पहुंचे हैं।
लोकतंत्र की आत्मा है विधायिका
उन्होंने कहा कि विधायिका केवल कानून बनाने का माध्यम नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा है। स्थानीय निकायों को और अधिक उत्तरदायी बनाकर लोकतंत्र की जड़ें और गहरी की जा सकती हैं। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस सम्मेलन को केवल तकनीकी या व्यवस्थागत आयोजन न मानें, बल्कि इसके लोकतांत्रिक और राष्ट्रीय महत्व को समझें। उन्होंने मेहमानवाजी पर विशेष ध्यान देने को कहा ताकि यह सम्मेलन सभी के लिए यादगार बन सके।
इस सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्ढा तथा मंत्री विपुल गोयल, राव नरबीर सिंह आदि मौजूद रहे।
विकसित भारत 2047 पर फोकस
जिला उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि सम्मेलन में देशभर से नगर निगमों के मेयर, आयुक्त एवं अन्य प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन का उद्देश्य शहरी प्रशासन को अधिक प्रभावी, समावेशी और नवाचारोन्मुख बनाना है, जिससे विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार किया जा सके। पहले दिन के कार्यक्रम में देश के प्रमुख नगरों-भुवनेश्वर, कोयंबटूर, इंदौर, लखनऊ, पुणे, सूरत और विशाखापट्टनम द्वारा अपनाई गई सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणालियों की प्रेजेंटेशन दी।
सम्मेलन के 5 विषय
- आम परिषद की बैठकों के संचालन के लिए मॉडल पद्धति और प्रक्रिया संहिता तैयार करना
- संवैधानिक जनादेश को पूरा करने के लिए नगरपालिका शासन को अधिक प्रभावी बनाना
- 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में स्थानीय निकायों का योगदान
- महिलाओं को समाज और राजनीति में नेतृत्व के लिए तैयार करना
- आमजन तक सेवाएं पहुंचाना और नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना