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मणिपुर कांग्रेस चीफ को ED का समन:मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए बुलाया; जयराम बोले- भाजपा बदले की राजनीति कर रही

मणिपुर कांग्रेस चीफ को ED का समन:मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए बुलाया; जयराम बोले- भाजपा बदले की राजनीति कर रही

नई दिल्ली42 मिनट पहले
मेघाचंद्र को 7 अक्टूबर को दिल्ली में ED कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वे फिजिकली पेश नहीं हो सके।

एनफोर्समेंट एजेंसी यानी ED ने मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष के. मेघाचंद्र सिंह को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA) के तहत चल रही जांच के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया है। मेघाचंद्र को 7 अक्टूबर को दिल्ली में ED कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वे फिजिकली पेश नहीं हो सके।

इसे लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मेघाचंद्र लगातार आवाज उठा रहे हैं कि नॉन-बायोलॉजिकल पीएम, केंद्रीय गृह मंत्री, मणिपुर के मुख्यमंत्री और बीजेपी ने कैसे मणिपुर को बर्बाद किया है, इसलिए बदले की राजनीति के तहत उन्हें ये समन भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई मणिपुर में केंद्र सरकार की विफलताओं को छुपाने के लिए है। 17 महीने में नरेंद्र मोदी मणिपुर नहीं गए हैं, ये उनकी विफलता का सबूत है। जो लोग खुद डरे हुए रहते हैं, वे दूसरों को डराने की कोशिश करते हैं। कांग्रेस कभी चुप नहीं रहेगी।

समन में ED ने लिखा- मेघाचंद्र की व्यक्तिगत उपस्थिति जरूरी है समन में ED के सहायक निदेशक अमित कुमार ने कहा कि मेघाचंद्र की व्यक्तिगत उपस्थिति जरूरी है ताकि वे सबूत दे सकें और PMLA के तहत जांच से संबंधित रिकॉर्ड पेश कर सकें। उन्होंने कहा कि अगर आप तय स्थान और समय पर उपस्थित नहीं होते हैं या पासबुक या अन्य दस्तावेज पेश नहीं करते हैं, तो आप PMLA के तहत सजा पाने के हकदार रहेंगे।

कांग्रेस बोली- हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे मणिपुर कांग्रेस में मौजूद सोर्स के मुताबिक, यह समन 3 अक्टूबर को जारी किया गया था, लेकिन मेघाचंद्र को इसके बारे में आज (7 अक्टूबर) ही पता चला। इस देरी के कारण वह समय पर उपस्थित नहीं हो सके।

वहीं, मणिपुर कांग्रेस के प्रवक्ता एन. बुपेन्द मेतेई ने X पर पोस्ट किया- ‘मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघाचंद्र को मणिपुर के लोगों के हक के लिए आवाज उठाने और मोदी सरकार और उसकी एजेंसियों का सच उजागर करने के लिए चुप नहीं कराया जा सकता। हम इसे अदालत में कानूनी रूप से लड़ेंगे।’

मणिपुर में हिंसा को लगभग 500 दिन हुए

मणिपुर में मैतेई समुदाय को ST का दर्जा दिए जाने के खिलाफ पिछले साल 3 मई से हिंसा शुरू हुई थी।

मणिपुर में कुकी-मैतेई के बीच चल रही हिंसा को लगभग 500 दिन हो गए। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया।

इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत।

4 पॉइंट्स में समझिए मणिपुर हिंसा की वजह…

मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।

नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।

सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।

कांग्रेस और भाजपा के बीच मणिपुर को लेकर सियासी बयानबाजी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

जयराम रमेश बोले- नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री पहले मणिपुर जाएं:इसके बाद स्पेस में; इसरो चीफ ने कहा था- मोदी गगनयान से अंतरिक्ष जा सकते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पेस जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने तंज कसा है। उन्होंने 4 जुलाई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को स्पेस में जाने से पहले मणिपुर जाना चाहिए।

हाल ही में इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर (ISRO) चीफ एस सोमनाथ ने एक टीवी नेटवर्क को दिए इंटरव्यू में कहा था कि PM मोदी भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के यात्री हो सकते हैं। एस सोमनाथ ने कहा कि PM मोदी के स्पेस जाने पर पूरे देश को गर्व होगा। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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