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नक्सलवाद पर शाह ने 8 मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की:कहा- इस साल छत्तीसगढ़ में 194 नक्सली मारे गए, युवाओं से हथियार छोड़ने की अपील

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर बैठक की। विज्ञान भवन में हुई बैठक में इसमें नक्सल प्रभावित 8 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।

शाह ने नक्सलवाद खत्म करने की कोशिशों को लेकर छत्तीसगढ़ की तारीफ की। उन्होंने बताया कि जनवरी से अब तक छत्तीसगढ़ में 194 नक्सली मारे गए हैं, 801 को गिरफ्तार किया गया है और 742 ने सरेंडर किया है।

बैठक में शाह ने नक्सली युवाओं से अपील की कि वे हथियार छोड़कर मुख्य धारा में आएं। उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट और जम्मू-कश्मीर के 13 हजार युवाओं का उदाहरण दिया, जिन्होंने नक्सलवाद छोड़ा है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बैठक में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि पिछले 9 महीनों में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ी है।

शाह बोले- नक्सलवाद से जुड़ी हिंसा की घटनाएं कम हुईं अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद संबंधित हिंसा की घटनाएं 16,463 से घटकर 7,700 हो गई हैं। यह संख्या अगले साल और कम हो जाएगी। नागरिकों और सुरक्षाबलों की मौत में 70% की कमी आई है। हिंसा की रिपोर्ट करने वाले जिलों की संख्या 96 से घटकर 42 हो गई है।

उन्होंने कहा कि हिंसा की रिपोर्ट करने वाले पुलिस थानों की संख्या 465 से घटकर 171 हो गई है, जिनमें से 50 पुलिस थाने नए हैं, यानी केवल 120 पुलिस थाने ही हिंसा की रिपोर्ट कर रहे हैं।

राज्यों के साथ बड़ा प्लान तैयार कर रहा है गृह मंत्रालय नक्सलियों के खिलाफ गृह मंत्रालय राज्यों के साथ बड़ा प्लान तैयार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग रोकी गई, वैसे ही नक्सलियों को रोकने के लिए बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है।

केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में साल 2010 के मुकाबले 2023 में नक्सल हिंसा में 72% और मृत्यु में 86% कमी आई है। इस साल देश में 202 नक्सली मारे गए हैं। इसके साथ ही वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 38 रह गई है।

बैठक में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के CM शामिल हुए।

शाह बोले- सुरक्षा संबंधित स्कीम में सरकार ने फंड बढ़ाया शाह ने सिक्योरिटी रिलेटिड एक्सपेंडिचर स्कीम के बारे में बताया, जिसमें बीते 10 साल में करीब 2000 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। 2004-2014 में इसमें 1180 रुपए आवंटित किए गए थे, जो 2014-2024 में बढ़कर 3,006 करोड़ रुपए हो गए। स्पेशल सेंट्रल असिस्टेंस स्कीम ने भी बीते एक दशक में 3,590 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

उन्होंने कहा, 2019 से पहले सैनिकों के लिए सिर्फ दो हेलिकॉप्टर तैनात थे, लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 12 हो गई है। इसमें सीमा सुरक्षा बल (BSF) के छह और वायु सेना के छह हेलिकॉप्टर शामिल हैं, जो सैनिकों की मदद के लिए हैं।

10 साल में 15 हजार से ज्यादा मोबाइल टावर लगाए गए गृहमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों में 544 किलेबंद पुलिस थाने बनाए गए हैं। पहले सड़क नेटवर्क 2,900 किलोमीटर था, लेकिन पिछले 10 साल में इसे बढ़ाकर 11,500 किलोमीटर कर दिया गया है। इस दौरान 15,300 मोबाइल टावर लगाए गए हैं, जिनमें से 5139 टावरों को 4G कनेक्शन दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले 38 एकलव्य मॉडल स्कूलों की मंजूरी दी गई थी, लेकिन उनमें से कोई भी नहीं बना। अब 216 स्कूलों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 165 स्कूल बन चुके हैं।

शाह ने आगे कहा, पहले हवाई अभियान पर कुछ भी खर्च नहीं किया जाता था, लेकिन अब हवाई अभियान के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर बनाने के लिए 131 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की खुफिया तकनीकी और आपसी समन्वय के आधार पर बाकी राज्य भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं।

शाह बोले- छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल मोर्चे पर बेहतर कर रही शाह ने 4 सितंबर को हुए ऑपरेशन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा- साय सरकार नक्सल मोर्चे पर बेहतर काम कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने विकास का नया आयाम चलाया है। सरकार ने नक्सलियों के वित्तीय पोषण को भी रोका है।

उन्होंने कहा- छत्तीसगढ़ में मिली सफलता हम सभी के लिए प्रेरणा है। सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई मुहिम शुरू की है। इसका उद्देश्य राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना है। इसका नतीजा है कि गांवों में स्कूल और सस्ते अनाज की दुकानें खुल गई हैं।

शाह ने कहा- कुछ ग्रामीणों ने 30 साल बाद लोकसभा चुनाव में मतदान किया। 2019 से अब तक 280 नए कैंप बनाए गए हैं, 15 नए संयुक्त बल बनाए गए हैं। CRPF की छह नई बटालियन भेजी गई हैं, जो अलग-अलग राज्यों में पुलिस की मदद कर रही है।

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