Headlines

शाहरुख के बंगले पर बीएमसी-फॉरेस्ट विभाग की जांच:नियमों के उल्लंघन की शिकायत, दो मंजिल बढ़ाई जा रहीं

मुंबई के बांद्रा बैंडस्टैंड इलाके में स्थित शाहरुख खान के बंगले मन्नत की शुक्रवार को जांच की गई। यह कार्रवाई फॉरेस्ट विभाग और बीएमसी की टीम ने की।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कार्रवाई का कारण तटीय नियमन क्षेत्र (CRZ) के नियमों के उल्लंघन की शिकायत थी। शाहरुख खान का यह बंगला समंदर के किनारे है।

बता दें कि मन्नत एक हेरिटेज प्रॉपर्टी है। इसमें एक मुख्य बंगला और उसके पीछे एक बहुमंजिला एनक्स बिल्डिंग है। मौजूदा समय में एनक्स बिल्डिंग में दो अतिरिक्त मंजिलों का निर्माण हो रहा है।

शाहरुख और उनका परिवार फिलहाल पास के किसी अन्य स्थान पर रह रहा है। टीम को मौके पर स्टाफ मिला। स्टाफ ने अधिकारियों को बताया कि सभी मंजूरियां पहले ली गई हैं। दस्तावेज भी जल्द सौंपे जाएंगे।

शाहरुख खान का मुंबई में समुद्र के सामने आलीशान बंगला है। इसका नाम मन्नत है।

शाहरुख की मैनेजर ने कहा- कोई शिकायत नहीं है वहीं, शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी ने कहा कि कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने बताया कि निर्माण तय दिशा-निर्देशों के अनुसार चल रहा है।

फॉरेस्ट विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद टीम ने मौके पर जायजा लिया। अब इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। वहीं, बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि वे फॉरेस्ट विभाग के अनुरोध पर वहां मौजूद थे। उनकी कोई अन्य भूमिका नहीं थी।

बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता संतोष डाउंडकर ने पहले बीएमसी को इस निर्माण को लेकर शिकायत दी थी।

पूजा डडलानी 2012 से शाहरुख खान की मैनेजर हैं।

पूर्व आईपीएस अधिकारी ने उठाए सवाल

पूर्व आईपीएस अधिकारी और वकील वाईपी सिंह ने भी शुक्रवार को इस निर्माण पर सवाल उठाए। सिंह ने कहा कि मन्नत का मूल नाम विला विएना था। यह एक हेरिटेज स्ट्रक्चर है। बाद में इसका नाम बदला गया।

सिंह के अनुसार, 2005 में बंगले के पीछे सात मंजिला इमारत बनाई गई। उस समय अर्बन लैंड सीलिंग एक्ट लागू था। इसके तहत बड़ी इमारत नहीं बन सकती थी। इस स्थिति से बचने के लिए बीएमसी से 12 छोटे फ्लैट्स की मंजूरी ली गई। मंजूरी मिलने के बाद इन फ्लैट्स को जोड़कर एक बड़ा लग्जरी घर बना दिया गया।

वाईपी सिंह ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला जैसे भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ आवाज उठाई है।

सिंह का आरोप- इसमें अधिकारियों की मिलीभगत

वाईपी सिंह ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई नगरीय निकाय अधिकारियों की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकती थी। अब जबकि यह एक्ट खत्म हो चुका है, फिर भी उस समय की कार्रवाई वैध मानी जाती है।

वाईपी सिंह ने यह भी कहा कि मन्नत के मालिकों के लिए जरूरी है कि वे इन 12 फ्लैट्स को दोबारा अलग करें। इससे मास हाउसिंग का उद्देश्य पूरा हो सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Budget 2024