इंडियन एविएशन रेगुलेटर ने एअर इंडिया को 3 एयरबस प्लेन (AIR.PA) को जांचे बिना उड़ाने पर चेतावनी दी है। क्योंकि जांच में इन प्लेन में खराबी की बात सामने आई है।
सरकारी डॉक्यूमेंट्स से मुताबिक, इन विमानों को इमरजेंसी इक्विपमेंट की जांच पेंडिंग होने के बावजूद उड़ाया गया। एयरलाइन ने इन दिक्कतों को दूर करने में भी देरी की।
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, वॉर्निंग नोटिस और जांच रिपोर्ट अहमदाबाद प्लेन क्रैश से जुड़ी नहीं है। दोनों इस घटना से कुछ दिन पहले ही भेजा एयरलाइन को भेजे गए थे।
DGCA के कहा- मई में एअर इंडिया के 3 एयरबस विमानों की जांच की गई। इसमें पाया गया कि एस्केप स्लाइड के जरूरी इमरजेंसी इक्विपमेंट की इंस्पेक्शन की देरी के बाद भी उन्हें उड़ाया जा रहा था।
भारत सरकार में उड़ान योग्यता के डिप्टी डायरेक्टर अनिमेश गर्ग ने जांच रिपोर्ट एअर इंडिया के CEO कैम्पबेल विल्सन, एयरलाइन के फ्लाइट एबिलिटी मैनेजमेंट, क्वालिटी मैनेजर और प्लानिंग चीफ को भेजी।
एयरबस प्लेन से जुड़े 3 मामले
पहला: एयरनेव रडार डेटा (फ्लाइट पर नजर रखने वाली संस्था) के मुताबिक, एयरबस A320 का इंस्पेक्शन 15 मई को किया गया था। इससे पहले जांच एक महीने तक पेंडिंग रही। इस दौरान प्लेन ने दुबई, रियाद और जेद्दा जैसी इंटरनेशनल डेस्टिनेशन की उड़ान भरी थी।
दूसरा: डोमेस्टिक रूट पर यूज में लाए जाने वाले एयरबस A319 के इंस्पेक्शन में 3 महीने से ज्यादा की देरी की गई।
तीसरा: एयरबस प्लेन 2 दिन की देरी से जांचा गया।
DCGA की रिपोर्ट में क्या कहा गया…
DCGA ने कहा- विमानों को ऐसे इमरजेंसी इक्विपमेंट के साथ ऑपरेट किया जो खत्म हो चुके थे या अन वेरिफाई थे। ये स्टैंडर्ड फ्लाइट एबिलिटी और सिक्योरिटी रिक्वायरमेंट का का उल्लंघन है।
एअर इंडिया ने DCGA की उठाई कमियों पर समय पर रिस्पॉन्स नहीं किया। जिन प्लेन की जरूरी जांच नहीं हुई है उनके फ्लाई सर्टिफिकेट सस्पेंड माने जाएंगे।
DCGA ने कहा कि मामला तब सामने आया जब एअर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज के एक इंजीनियर ने अनुपस्थिति बनाए रखने के दौरान अनजाने में एक एस्केप स्लाइड तैनात कर दी थी।
वहीं, एयर इंडिया का कहना है कि वो एस्केप स्लाइड्स की तारीखों सहित सभी रखरखाव रिकॉर्डों के वेरिफिकेशन में तेजी आ रही है। आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया पूरी कर लेगी।
रिपोर्ट पर क्या है एक्सपर्ट का कहना
सरकार के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो के पूर्व कानूनी विशेषज्ञ विभूति सिंह ने कहा कि एस्केप स्लाइड्स की जांच एक बहुत गंभीर मुद्दा है। दुर्घटना की स्थिति में यदि वे नहीं खुलती हैं तो विमान सवारों को गंभीर चोट लग सकती हैं।
इंडियन एविएशन वकील के मुताबिक इस तरह के उल्लंघनों के लिए आमतौर पर व्यक्तिगत अधिकारियों और एयरलाइन दोनों पर मॉनेटरी और सिविल पेनल्टी लगाई जाती हैं।
पार्ट्स की कमी से जूझ रहा एअर इंडिया
एअर इंडिया के CEO कैम्पबेल विल्सन ने 2024 में रॉयटर्स को बताया था कि वैश्विक स्तर पर पार्ट्स की कमी से अधिकांश एयरलाइन्स प्रभावित हो रही हैं, लेकिन एअर इंडिया के लिए यह समस्या ज्यादा गंभीर है। क्योंकि विमान बहुत पुराने हैं। 2010-2011 में दिए गए कई विमानों कोई सुधार नहीं किया गया है।
एअर इंडिया-एअर इंडिया एक्सप्रेस पर लगा जुर्माना
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने फरवरी में संसद को बताया था कि सेफ्टी वॉयलेशन से जुड़े 23 मामलों में एयरलाइन्स को नोटिस जारी किया या जुर्माना लगाया गया। इनमें आधे मामले (12) एअर इंडिया-एअर इंडिया एक्सप्रेस के थे। सबसे बड़ा जुर्माना सैन फ्रांसिस्को की उड़ान के दौरान विमान में अपर्याप्त ऑक्सीजन के लिए एअर इंडिया पर 1 लाख 27 हजार डॉलर का था।