पानीपत में 2 फर्जी अस्पताल पकड़े:डॉक्टर-स्टाफ की नकली डिग्रियां, दवाइयां बरामद; कई मरीज भर्ती मिले, मेडिकल इंस्टीट्यूट भी चल रहा था
हरियाणा के पानीपत में 2 फर्जी अस्पतालों का भंडाफोड़ हुआ है। मंगलवार को सीएम फ्लाइंग टीम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन अस्पतालों पर रेड मारी। इस दौरान मौके से फर्जी डॉक्टरों और स्टाफ को पकड़ा गया है। जांच में पता चला है कि ये अस्पताल कई महीनों से चल रहे थे।
टीम को अस्पतालों में कई मरीज भी मिले, जिनका इलाज चल रहा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन मरीजों को निगरानी में ले लिया है। मौके से बड़ी मात्रा में दवाइयां और अन्य मेडिकल इक्विपमेंट भी बरामद किए गए हैं।
इसके अलावा बिल्डिंग में मेडिकल इंस्टीट्यूट भी चल रहा था, जिसमें मोटी फीस लेकर बच्चों को एडमिशन दिया जाता था।
अस्पतालों में रेड के 3 PHOTOS…
एक अस्पताल में बच्चों का इलाज जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग और सीएम फ्लाइंग टीम की यह रेड शहर के बीचों-बीच मॉडल टाउन में चल रहे 2 अस्पतालों पर हो रही है। इनमें एक अस्पताल तो बच्चों का है।
जाटल रोड स्थित देव E.H. क्लीनिक नाम के इस फर्जी अस्पताल के बाहर एक बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर लिखा है कि हमारे यहां बच्चों और बड़ों की हर प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जाता है।
इन बीमारियों में मुख्यत: नवजात शिशु का संपूर्ण इलाज, बच्चों की सांस की समस्याएं, बच्चों-बड़ों की शुगर की बीमारी, दौरे व फिट्स आना, बच्चों का वजन व लंबाई न बढ़ना और मुंहासे व झाइयों का पक्का इलाज शामिल है। वहीं, दूसरा अस्पताल 8 मरला स्थित एसके क्लीनिक है। इसमें भी फर्जी डिग्रियों के आधार पर मरीजों का इलाज किया जा रहा था।
बोर्ड पर रोहतक PGI के डॉक्टर का नाम मरीजों को आकर्षित करने के लिए इन अस्पतालों ने हथकंडे अपनाए हुए थे। देव अस्पताल में एक बोर्ड लगाया हुआ था, जिस पर रोहतक PGI के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. अरूण महला का भी नाम लिखा हुआ है। बोर्ड पर दावा किया गया है कि डॉ. महला नवजात शिशुओं के स्पेशलिस्ट हैं और अस्पताल में इलाज भी करते हैं।
इनके अलावा 4 और अन्य स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पैनल को अस्पताल से जुड़े होने का दावा किया गया है। टीम ने जब यहां रेड की तो यहां कोई भी MBBS डॉक्टर नहीं मिला।
अस्पताल में मेडिकल इंस्टीट्यूट भी चल रहा टीम की जांच में सामने आया कि देव E.H. क्लीनिक को मेडिकल इंस्टीट्यूट के रूप में भी चलाया जा रहा था। यहां बीईएमएस, बीएएमएस, एमडी EH समेत अलग-अलग कोर्सेज में बच्चों को दाखिला दिया जा रहा था। 50 गज से भी कम जगह में चल रहे इस अस्पताल में ही इंस्टीट्यूट संचालित था, जिसमें भारी भरकम फीस लेकर बच्चों को एडमिशन दिया जाता था।
दवाइयां और चिकित्सा उपकरण जब्त किए इसके बाद अस्पताल से मिली हर तरह की दवाइयों, इंजेक्शन और अन्य उपकरणों के सैंपल को टीम ने जब्त कर लिया है। सभी को बॉक्स में डालकर पैक कर दिया गया है। उन्हें लैब में ले जाकर चेक किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट आने के बाद भी कार्रवाई की जाएगी।
DSP बोले- शिकायत मिलने पर रेड की इस बारे में सीएम फ्लाइंग DSP सुशील कुमार ने बताया है कि दोनों अस्पतालों पर सूचना एवं शिकायत के आधार पर रेड की गई है। इन दोनों अस्पतालों के बारे में सूचना थी कि फर्जी डिग्रियां लेकर इन्हें डॉक्टर चला रहे हैं। रेड में स्वास्थ्य विभाग टीम भी शामिल है। रेड के दौरान पाया गया है कि जो शिकायत मिली थी, वह ठीक थी।
DSP ने बताया- दोनों ही जगह पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर लोग डॉक्टर बने हुए थे और लोगों का इलाज कर रहे थे। जिस वक्त टीम ने रेड की तब काफी संख्या में मरीज यहां इलाज करवा रहे थे। उन्हें रेड के बाद यहां से दूसरे अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए भेज दिया गया है। अभी दोनों अस्पतालों की जांच जारी है।
क्लीनिक मालिक ने क्या कहा, 3 पॉइंट में जानिए
- क्लीनिक में पहले पापा करते थे प्रैक्टिस: SK क्लीनिक के मालिक साहिल ने कहा कि मेरे पापा बहुत पहले प्रैक्टिस करते थे, लेकिन जब से मेरी रजिस्ट्रेशन हुई है, तब से मैं ही प्रैक्टिस कर रहा हूं। मैं पंचकूला से रजिस्टर्ड हूं।
- रेड के दौरान कोई पेशेंट नहीं था: उन्होंने बताया कि आज दिन में लंच टाइम में मैं आज घर गया हुआ था तो पापा क्लीनिक में बैठे हुए थे, इसी दौरान टीम वहां पर पहुंच गई। टीम को लगा की मेरे पापा ही प्रैक्टिस कर रहे हैं। इस दौरान वहां पर कोई पेशेंट भी नहीं था, हालांकि अफवाह फैलाई जा रही है कि इस दौरान बहुत सारे पेशेंट थे।
- बहन भी प्रैक्टिस करती थी, उसकी शादी हो गई: साहिल ने बताया कि मेरे पिता के पास भी डिग्री थी, लेकिन उन्होंने उसे रिन्यू नहीं करवाया। पापा ने बैठना बंद कर दिया तो मेरी बहन बैठने लगी, वो भी पंचकूला से रजिस्टर्ड थी। पिछले साल नवंबर में बहन की शादी हो गई तो अब मैं ही बैठता हूं। टीम ने भी कह दिया है कि मैं प्रैक्टिस कर सकता हूं।