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अमरनाथ में पहली आरती हुई, पहलगाम से पहला जत्था रवाना:38 दिन बाद रक्षाबंधन को समापन होगा; अब तक 3.5 लाख श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन

अमरनाथ में पहली आरती हुई, पहलगाम से पहला जत्था रवाना:38 दिन बाद रक्षाबंधन को समापन होगा; अब तक 3.5 लाख श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन

पहलगाम34 मिनट पहलेलेखक: उदय भटनागर और रऊफ डार
गुरुवार सुबह पहला जत्था बालटाल और नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप से रवाना अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ।

आज से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो गई है। गुरुवार सुबह बाबा अमरनाथ की पहली आरती की गई। वहीं, पहला जत्था बालटाल और नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप से रवाना अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ। इस दौरान श्रद्धालु ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारे लगाते रहे।

बुधवार को पहला जत्था 5,892 श्रद्धालुओं का जम्मू के भगवती नगर कैंप से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रवाना किया था। ये लोग दोपहर में कश्मीर पहुंचे, जहां प्रशासन और स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया।

38 दिन तक चलने वाली यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रूटों से होगी। यात्रा का समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। पिछले साल यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे।

इस साल अब तक 3.5 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। तुरंत रजिस्ट्रेशन के लिए जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में सेंटर खोले गए हैं। ये सेंटर रोज दो हजार श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।

आज सुबह बाबा अमरनाथ की यात्रा शुरू हो गई और पहली आरती की गई।
श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा में रवाना होने के बाद ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारे लगाए।
अमरनाथ यात्रा रूट पर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। सेना के साथ ही CRPF के जवानों की तैनाती भी की गई है।

कैसे पहुंचें: यात्रा के लिए दो रूट

1. पहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है।

तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।

2. बालटाल रूट: वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं।

यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखें… यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, RFID कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग जैसे प्राणायाम और एक्सरसाइज करें। यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी बॉटल और जरूरी दवाओं का बैग अपने साथ रखें।

3888 मीटर की ऊंचाई पर है अमरनाथ गुफा

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